राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के मार्च में समाप्त हुए 12 महीनों की अवधि के लिए राष्ट्रीय आय के अंतरिम अनुमान और चौथी तिमाही के लिए तिमाही आधार पर लगाए जाने वाले सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान एक ऐसी अर्थव्यवस्था की तस्वीर पेश करते हैं, जिसने विपरीत हालातों के बावजूद पिछले साल अपनी रफ्तार बनाए रखी। जनवरी-मार्च वाली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में 6.1 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है, जो पूरे साल की वृद्धि को अनुमानित 7.2 फीसदी की रफ्तार से तनिक आगे रखने में मदद करेगा। चौथी तिमाही के लिए सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) के आंकड़े विकास के मामले में पिछले तीन महीनों के स्तर से व्यापक-आधार वाली वृद्धि की ओर इशारा करती है। समग्र उपयोगिता सेवा क्षेत्र (बिजली, गैस और पानी की आपूर्ति सहित) और व्यापार, होटल एवं परिवहन की सर्वग्राही सेवाओं की श्रेणी के साथ जीवीए के आठ क्षेत्रों में से सिर्फ संचार और प्रसारण के दो ऐसे क्षेत्र हैं जो प्रसार में गिरावट दर्ज कर रहे हैं। निर्माण क्षेत्र ने जहां 10.4 फीसदी के विस्तार के साथ विविध क्षेत्रों में विकास की अगुवाई की, वहीं तीसरी तिमाही की 9.6 फीसदी की रफ्तार के स्तर से मंदी के बावजूद सेवा क्षेत्रों ने सामूहिक रूप से जीवीए में उछाल लाया और व्यापार, होटल एवं परिवहन के क्षेत्र अभी भी 9.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज कर रहे हैं। जीवीए में सबसे बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले इस क्षेत्र में क्रमिक रूप से 13.1 फीसदी की मजबूत वृद्धि हुई है क्योंकि कोविड-19 की आशंकाओं के घटने के मद्देनजर यात्रा संबंधी मांग में तेजी आई है। विनिर्माण (मैन्यूफैक्चरिंग) के क्षेत्र में भी उम्मीद की एक किरण दिखाई दी और दिसंबर वाली तिमाही में आई मंदी से उबरते हुए इसने 4.5 फीसदी का प्रसार दर्ज किया। और इसी तरह से, एस एंड पी ग्लोबल के सर्वेक्षण-आधारित क्रय प्रबंधक सूचकांक [पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई)] द्वारा दर्ज किए गए हाल के महीनों में निरंतर प्रसार को दर्शाते हुए मैन्यूफैक्चरिंग जीवीए में तीसरी तिमाही के स्तर से 20.4 फीसदी का इजाफा हुआ।
दरअसल, पीएमआई के ताजा आंकड़े जनवरी 2021 के बाद से मई महीने में कारखाने के ऑर्डर में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ोतरी दिखा रहे हैं। यह एक स्वागत योग्य शगुन है और इस साल वैश्विक आर्थिक मंदी एवं वित्तीय क्षेत्र के चरम जोखिम समेत बढ़ी हुई अनिश्चितता से उपजघोर विपरीत हालातों का सामना करने वाली अर्थव्यवस्था के लिए एक प्रतिरोधक है। एनएसओ के आंकड़े निवेश गतिविधियों के प्रतिनिधि माने जाने वाले सकल स्थायी पूंजी निर्माण [ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन (जीएफसीएफ)] के चौथी तिमाही में फिर से मजबूत होने की ओर भी इशारा करते हैं। बुनियादी ढांचे और अन्य बड़ी सार्वजनिक परियोजनाओं पर सरकार की ओर से बढ़े हुए पूंजीगत व्यय से बड़े पैमाने पर मिली सहायता की वजह से जीएफसीएफ में साल-दर-साल आधार पर 8.9 फीसदी और क्रमिक आधार पर 20.8 फीसदी का और भी ज्यादा ठोस प्रसार हुआ। इसके समग्र गुणक प्रभाव और रोजगार सृजन की क्षमता को देखते हुए, निवेश संबंधी व्यय का बेहतर होना इस साल के अनुमान के लिहाज से अच्छा है। निश्चित रूप से, जीडीपी के यही आंकड़े इस तथ्य को भी रेखांकित करते हैं कि मांग का एक प्रमुख आधार माना जाने वाला निजी उपभोग व्यय अभी तक एक ठोस मुकाम हासिल नहीं कर पाया है। दरअसल निजी उपभोग व्यय के मार्च वाली तिमाही की पिछली अवधि के स्तर से 3.2 फीसदी सिकुड़ने और सकल घरेलू उत्पाद में इसकी हिस्सेदारी घटकर कमोबेश आठ-तिमाही के 55 फीसदी तक रह जाने का अनुमान है। अल नीनो की वजह से बारिश में संभावित कमी लगभग निश्चित होने से कृषि उत्पादन और संबंधित ग्रामीण व्यय से जुड़े अनुमान भी अब संदेह के घेरे में है। लिहाजा नीति निर्माताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आने वाली तिमाहियों में राजकोषीय और मौद्रिक उपाय विकास में सहायक बने रहें।
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